गुजरात के बैंक शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025 को बंद रहेंगे, जबकि पूरे भारत के बाकी हर शहर और राज्य में बैंकिंग सेवाएँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी। यह अनूठी स्थिति सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर आई है, जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2025 के छुट्टी कैलेंडर के अनुसार, यह दिन केवल गुजरात के बैंक शाखाओं के लिए एक अनिवार्य अवकाश के रूप में घोषित किया गया है — और इसमें अहमदाबाद जैसे शहरों को विशेष रूप से नामित किया गया है। देश के बाकी हिस्सों में बैंक सामान्य रूप से खुले रहेंगे। यह एक ऐसा अवसर है जहाँ राष्ट्रीय एकता की याद दिलाने के बजाय, एक राज्य ने अपने इतिहास के एक अहम चरित्र को अलग तरह से सम्मानित किया है।
क्यों केवल गुजरात?
सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का ‘एकीकरण के पिता’ कहा जाता है, और वे गुजरात के सौराष्ट्र के भावनगर जिले के निवासी थे। उनकी जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है, लेकिन बैंक छुट्टी का निर्णय राज्य सरकारों और RBI के समन्वय से होता है। गुजरात सरकार ने 2014 के बाद से इस दिन को बैंक छुट्टी के रूप में अपनाया है — एक ऐसा निर्णय जो राज्य के लोगों के लिए एक गौरव का प्रतीक है। अन्य राज्यों में इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है, लेकिन बैंकों को बंद करने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ तक कि दिल्ली के RBI कैलेंडर में भी इस दिन का उल्लेख है, लेकिन वहाँ कोई बैंक बंद नहीं होगा। यह अंतर सिर्फ एक शहर या राज्य के बीच नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक स्वतंत्रता और राज्यवाद की वास्तविकता को दर्शाता है।
अक्टूबर 2025: 21 बैंक छुट्टियों का महीना
अक्टूबर 2025 भारत में बैंक छुट्टियों के लिए इतिहास का सबसे भारी महीना होने जा रहा है। इस महीने में कुल 21 बैंक छुट्टियाँ हैं — जिसमें सभी राज्यों में रविवार, दूसरा और चौथा शनिवार शामिल हैं। इनके अलावा 13 विशेष दिनों को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय त्योहारों के रूप में घोषित किया गया है। गांधी जयंती (2 अक्टूबर), दिवाली (21 अक्टूबर), विक्रम संवत नववर्ष (22 अक्टूबर), भैया दूज (23 अक्टूबर), और निंगोल चक्कौबा (24 अक्टूबर) जैसे त्योहारों ने इस महीने को और भी विशेष बना दिया है। लेकिन 31 अक्टूबर की छुट्टी अलग है — यह केवल एक राज्य के लिए है, जो देश के एकीकरण के निर्माता को सम्मान देने के लिए एक अनूठा निर्णय है।
डिजिटल सेवाएँ बरकरार, शाखाएँ बंद
अगर आप गुजरात में हैं और आज बैंक जाने की योजना बना रहे हैं, तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आपकी डिजिटल सेवाएँ बिल्कुल बंद नहीं हैं। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, एटीएम, यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल ऐप्स पूरी तरह से काम करेंगे। यह एक बहुत ही बुद्धिमानी भरा निर्णय है — लोगों को आराम से अपनी जरूरतें पूरी करने की सुविधा देना, जबकि राष्ट्रीय सम्मान की भावना को बरकरार रखना। अहमदाबाद के एक छोटे व्यापारी ने कहा, “मैं आज बैंक नहीं जा रहा, लेकिन मैंने कल ही अपने ग्राहकों को यूपीआई से भुगतान कर दिया। यह दोनों काम कर रहा है — सम्मान और सुविधा।”
राष्ट्रीय एकता का अर्थ क्या है?
कुछ लोग सवाल करते हैं — अगर सरदार पटेल का सम्मान राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए, तो क्यों केवल गुजरात को छुट्टी मिल रही है? जवाब साधारण है: राष्ट्रीय एकता का मतलब सबके लिए एक जैसा निर्णय नहीं, बल्कि अलग-अलग स्थानों के अपने अनुभवों को सम्मान देना है। तमिलनाडु में अयुध पूजा, पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी पूजा, मेघालय में दशहरा — सब अलग हैं, लेकिन सब भारत के हिस्से हैं। गुजरात का यह निर्णय एक राज्य के अपने इतिहास को सम्मान देने का एक तरीका है — जिससे देश की विविधता को और भी गहराई से समझा जा सके।
अगले कदम: क्या अन्य राज्य भी जुड़ेंगे?
अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या अन्य राज्य भी इस दिन को बैंक छुट्टी के रूप में अपनाएंगे? राज्य सरकारों के लिए यह एक राजनीतिक और सांस्कृतिक चुनौती है। अगर एक राज्य अपने नेता को बैंक छुट्टी दे सकता है, तो अन्य राज्य भी अपने नेताओं के लिए ऐसा करने की मांग कर सकते हैं। इसका असर बैंकिंग सिस्टम पर पड़ सकता है — अगर 10 राज्य अलग-अलग दिनों पर बंद होने लगें, तो राष्ट्रीय आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा। लेकिन अभी तक कोई राज्य ऐसा नहीं कर रहा है। गुजरात का यह निर्णय अभी भी अनूठा है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: सरदार पटेल का योगदान
सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 के बाद 562 रियासतों को भारत में शामिल करने का काम किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, अहमदाबाद के रियासतों को बिना एक गोली चलाए एकीकृत किया। उनकी दृढ़ता और रणनीति ने भारत को एक देश बनाया। आज भी गुजरात के लोग उन्हें ‘सरदार’ कहकर संबोधित करते हैं — यह एक गौरव का नाम है। उनकी जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है, लेकिन गुजरात में इसे एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि के रूप में देखा जाता है। यही अंतर है — एक राष्ट्रीय याददाश्त और एक स्थानीय अनुभव का।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गुजरात में बैंक बंद होने का क्या कारण है?
गुजरात सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के समन्वय से, सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राज्य स्तर पर बैंक छुट्टी के रूप में घोषित किया गया है। यह उनके जन्मस्थान और राज्य के इतिहास के साथ गहरा संबंध रखता है। अन्य राज्यों में इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन बैंक बंद नहीं होते।
क्या अहमदाबाद के बाहर गुजरात के अन्य शहरों में भी बैंक बंद होंगे?
हाँ, गुजरात के पूरे राज्य में बैंक बंद रहेंगे — अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, भावनगर, राजकोट और अन्य सभी शहरों में। RBI के अनुसार, यह राज्यव्यापी छुट्टी है, और कोई भी शाखा नियमित रूप से नहीं खुलेगी।
डिजिटल बैंकिंग इस दिन काम करेगी?
हाँ, पूरी तरह से। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, एटीएम, यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल ऐप्स इस दिन पूरी तरह से काम करेंगे। बैंक शाखाएँ बंद हैं, लेकिन डिजिटल लेनदेन को कोई बाधा नहीं है।
क्या अन्य राज्य भी इस दिन को बैंक छुट्टी बना सकते हैं?
हाँ, अन्य राज्य भी अपने राज्य के नेताओं के लिए ऐसा कर सकते हैं, लेकिन अभी तक कोई ऐसा नहीं कर रहा है। यह एक राजनीतिक निर्णय है, जिसमें राज्य सरकारों के साथ RBI का समन्वय होता है। अगर अधिक राज्य ऐसा करेंगे, तो बैंकिंग सिस्टम पर असर पड़ सकता है।
अक्टूबर 2025 में कुल कितनी बैंक छुट्टियाँ हैं?
अक्टूबर 2025 में भारत में कुल 21 बैंक छुट्टियाँ हैं। इसमें सभी रविवार, दूसरा और चौथा शनिवार शामिल हैं, और 13 विशेष दिन जैसे गांधी जयंती, दिवाली, भैया दूज और राष्ट्रीय एकता दिवस। गुजरात के लिए यह अंतिम छुट्टी है।
क्या सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय छुट्टी बनाया जा सकता है?
हाँ, यह संभव है, लेकिन इसके लिए संसद का कानून बनाना और सभी राज्यों का समर्थन चाहिए। अभी तक यह एक राज्य-विशिष्ट छुट्टी है, जो गुजरात के लिए एक गौरव का प्रतीक है। राष्ट्रीय छुट्टी बनने पर आर्थिक और प्रशासनिक प्रभाव भी बदल जाएंगे।